उपचारात्मक शिक्षण व्यवस्था

छात्राओं के यूनिट परीक्षाओं के परिणामों की जांच कर आवश्यक उपचारात्मक शिक्षण कार्य की व्यवस्था विद्यालय में की गयी है। छात्राओं द्वारा स्वयं अपनी समस्याओं के निराकरण हेतु प्रश्नावली तैयार की जाती है जिसका समाधान सम्बन्धित शिक्षिका सुविधानुसार उनकी प्रकरणवार समस्याओं का निराकरण करती हैं। समय से सिलेबस के पूर्ण किये जाने पर विशेष ध्यान दिया जाता है और इस बात का ध्यान रखा जाता है कि यह कार्य गुणवत्ता परक भी हो। समय समय पर मेरे द्वारा भी छात्राओं से इसकी पुष्टि की जाती है।
अद्धवार्षिक परीक्षाओं के बाद दिसम्बर माह से सम्पूर्ण पाठयक्रम की पुनरावृति कराते हुये उपचारात्मक शिक्षण दिया जाता है तथा प्रत्येक विषय पर बने क्वेश्चन बैंक में से अति लघु प्रश्नोत्तर तथा लघु प्रश्नोत्तरों को प्रत्येक अध्याय से चिन्हित कर शिक्षिका द्वारा कमजोर छात्रों को सरल बनाते हुये अध्ययन व तैयार करने हेतु निर्देशित किया जाता है तथा मेधावी छात्राओं को विभिन्न अनसाल्व्ड क्वेश्चन बैंक अभ्यास हेतु दिये जाते है।